कोरोना को हराने के लिए जहां सरकार हरसंभव प्रयास करने में जुटी है, वहीं हमारा भी दायित्व बनता है कि ऐसे में हम भी धैर्य व संयम के साथ उसका पूरा साथ दें । वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना को मात देने के लिए जरूरी है कि हम हर तरह की सावधानी बरतते हुए पूरा का पूरा वक्त अपनों के साथ बिताएं । मनोचिकित्सक डॉ. हेमिका अग्रवाल का कहना है कि दिलो-दिमाग पर कोरोना के भय को कतई प्रभावी न होने दें । हर वक्त न तो कोरोना के बारे में परिवार वालों से बात करें और न उसके बारे में सोचें ही, ऐसा करने से आप बेवजह मानसिक तनाव में आ सकते हैं ।
घर को डेकोरेट करने में समय लगाएं
जिला मानसिक रोग प्रकोष्ठ के कंसलटेंट साइकेट्रिस्ट डा. साकेतनाथ तिवारी कहते हैं घर में खाली बैठेंगे तो निगेटिव सोच हावी हो सकती है। ऐसे में अपने ऐसे काम निपटाएं जो पेडिंग हैं और घर में बैठकर किए जा सकते हैं। घर की साफ-सफाई करें। अपने घर को डेकोरेट करें और इस कार्य में बच्चों को भी अपने साथ लगाएं। जुकाम खांसी होनी पर ऐसा न सोचें कि उन्हें कोरोना संक्रमण हो सकता है, इसका टेस्ट कराना चाहिए। जुकाम खांसी का सामान्य उपचार करें और छींकते व खांसते समय मुंह और नाक को ढक लें। नकारात्मकता को अपने ऊपर हावी न होने दें। फिर भी किसी तरह की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या लगे तो मेंटल हेल्थ सेल के हेल्पलाइन
नंबर 7839800692 पर सुबह 8 बजे से दो बजे के बीच कॉल करें।
राज्य नोडल अधिकारी, मानसिक स्वास्थ्य डॉ. सुनील पांडेय का कहना है कि हम जिस विषय में भी बहुत देर तक सोचते व मनन करते हैं वह हम पर हावी हो जाता है । ऐसे में उसका नुकसान नजर आने लगता है जो कि किसी के लिए भी खतरनाक हो सकता है । लाक डाउन की स्थिति में सभी चीजें ठहर सी गयी हैं । इसके लिए जरूरी है कि अपनी दिनचर्या में बदलाव लायें और यदि आवश्यक सेवाओं से नहीं जुड़ें हैं तो घर से बाहर निकलने से परहेज करें । टीवी, अखबार और सोशल मीडिया में सिर्फ कोरोना के बारे में देखने-समझने और अपनों से सिर्फ उसी बारे में बात करने से बचें । ऐसा करने से आप मानसिक तनाव में आकर अपने साथ ही घर के अन्य सदस्यों को बीमार बना सकते हैं । इससे ध्यान हटाने के लिए उन्होंने टीवी सीरियल देखने, पुस्तकें पढ़ने आदि की सलाह दी ।
घर को डेकोरेट करने में समय लगाएं
जिला मानसिक रोग प्रकोष्ठ के कंसलटेंट साइकेट्रिस्ट डा. साकेतनाथ तिवारी कहते हैं घर में खाली बैठेंगे तो निगेटिव सोच हावी हो सकती है। ऐसे में अपने ऐसे काम निपटाएं जो पेडिंग हैं और घर में बैठकर किए जा सकते हैं। घर की साफ-सफाई करें। अपने घर को डेकोरेट करें और इस कार्य में बच्चों को भी अपने साथ लगाएं। जुकाम खांसी होनी पर ऐसा न सोचें कि उन्हें कोरोना संक्रमण हो सकता है, इसका टेस्ट कराना चाहिए। जुकाम खांसी का सामान्य उपचार करें और छींकते व खांसते समय मुंह और नाक को ढक लें। नकारात्मकता को अपने ऊपर हावी न होने दें। फिर भी किसी तरह की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या लगे तो मेंटल हेल्थ सेल के हेल्पलाइन
नंबर 7839800692 पर सुबह 8 बजे से दो बजे के बीच कॉल करें।
राज्य नोडल अधिकारी, मानसिक स्वास्थ्य डॉ. सुनील पांडेय का कहना है कि हम जिस विषय में भी बहुत देर तक सोचते व मनन करते हैं वह हम पर हावी हो जाता है । ऐसे में उसका नुकसान नजर आने लगता है जो कि किसी के लिए भी खतरनाक हो सकता है । लाक डाउन की स्थिति में सभी चीजें ठहर सी गयी हैं । इसके लिए जरूरी है कि अपनी दिनचर्या में बदलाव लायें और यदि आवश्यक सेवाओं से नहीं जुड़ें हैं तो घर से बाहर निकलने से परहेज करें । टीवी, अखबार और सोशल मीडिया में सिर्फ कोरोना के बारे में देखने-समझने और अपनों से सिर्फ उसी बारे में बात करने से बचें । ऐसा करने से आप मानसिक तनाव में आकर अपने साथ ही घर के अन्य सदस्यों को बीमार बना सकते हैं । इससे ध्यान हटाने के लिए उन्होंने टीवी सीरियल देखने, पुस्तकें पढ़ने आदि की सलाह दी ।